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पंडित सुन्दरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़, बिलासपुर की स्थापना का उद्देश्य राज्य के दूरवर्ती इलाकों में शिक्षा से वंचित समूहों के लिए दूरस्थ शिक्षा प्रणाली द्वारा विद्यार्थियों को ज्ञानदान, समर्थवान और कुशल बनाना है। आज दूरस्थ शिक्षा पद्धति को शिक्षा के क्षेत्र में सपनों को साकार करने वाली वैज्ञानिक पद्धति के रूप में जाना जाता है।

उच्च शिक्षा जीवन की गुणवत्ता के लिए जहां जरुरी है वहीं इसकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह जन सामान्य की पहॅुंच से अभी भी दूर है। सभी के लिए यह सर्व-सुलभ नहीं है। जो पारम्परिक उच्च शिक्षा के संस्थान हैं उनकी अपनी सीमांए है, और जो व्यक्ति उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते है उन सभी की आवश्यकता की पूर्ति इससे संभव नही है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मुक्त विश्वविद्यालय और संस्थाओं की अवधारणा इस बात के लिए महत्वपूर्ण है कि इनके माध्यम से उच्च शिक्षा उन सभी के लिए उपलब्ध हो जाती है जो इसे प्राप्त करना चाहते है, भले ही उनकी उम्र कुछ भी हो, किसी भी व्यवसाय में हो, या किसी भी कार्य में और किसी भी परिस्थितियों में हो, यदि वे उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं तो मुक्त विश्वविद्यालय या मुक्त संस्थाओं के माध्यम से शिक्षा उनके लिए उपलब्ध रहता है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के साथ ही राज्य शासन ने पं. सुन्दरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय की स्थापना की है। इस द्रष्टि से छत्तीसगढ़ देश के अन्य प्रान्तों और इतना ही नहीं, पूरे विश्व में उच्च शिक्षा के जो आयाम हैं उनमें कदम से कदम मिलाकर यहां के नागरिकों के लिए यह व्यवस्था की गई है।

मेरी शुभकामना है कि जो विद्यार्थी इस विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहें हैं वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण करेंगे और विश्वविद्यालय उनके आवश्यकता के अनुरुप गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने में सहायक होगा। मेरी सारी शुभकामना विद्यर्थियों के साथ है।

डॉ बंंश गोपाल सिंह कुलपति